सोचने की बात यह भी है कि हंसी और अपाराध- इन दोनों में से कौन सी चीज़ दर्शक को ज़्यादा लुभाती है। टीवी चैनल चलाने वाले पहले अपराध को अपनी रोज़ी-रोटी का सबसे बड़ा सिक्का माने हुए थे। अब हंसी भी इसमें शामिल हो गई है। लेकिन इन दोनों हथियारों में सबसे कामगर हथियार है कौन सा, मैं इस सवाल का जवाब तलाश रही हूं।
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जबाब मिले तो बताईयेगा जरुर. वै
से तो हंसी के बिना जीवन अधूरा है ,मगर हंसाने के लिए फूहड़ चुटकुले बाजी हंसी का मजा किरकिरा कर देती है. हंसने की बजाय रोना ही ज्यादा आता है.