बात में दहशत
बे-बात में भी दहशत
कुछ हो शहर में
तो भी
कुछ न हो तो भी

चैन न दिन में
न रैन में

मौसम गुनगुनाए तो भी
बरसाए तो भी
शहनाई हो तो भी
न हो तो भी
हंसी आए मस्त तो भी
बेहंसी में भी

गजब ही है भाई
न्यूजरूम !

Tags:

8 Responses

  1. क्या कहूँ सच के सिवाय कि सच है।
    और हाँ 11 जनवरी को हैबिटेट में आपकी स्पीच सुन कर अच्छा लगा। आप अपनी बात बहुत ही प्रभावपूर्ण तरीके से कह जाती है। वो भी सच के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *