बात में दहशत
बे-बात में भी दहशत
कुछ हो शहर में
तो भी
कुछ न हो तो भी
बे-बात में भी दहशत
कुछ हो शहर में
तो भी
कुछ न हो तो भी
चैन न दिन में
न रैन में
मौसम गुनगुनाए तो भी
बरसाए तो भी
शहनाई हो तो भी
न हो तो भी
हंसी आए मस्त तो भी
बेहंसी में भी
गजब ही है भाई
न्यूजरूम !
8 Responses
समाचार कक्ष के विषय में सही अभिव्यक्ति.
– विजय
haqiqat kah di apne. achha laga.
क्या कहूँ सच के सिवाय कि सच है।
और हाँ 11 जनवरी को हैबिटेट में आपकी स्पीच सुन कर अच्छा लगा। आप अपनी बात बहुत ही प्रभावपूर्ण तरीके से कह जाती है। वो भी सच के साथ।
यथार्थ चित्रण!! बहुत खूब!!
गजब ही है भाई
न्यूजरूम !
बहुत अच्छा।
sahi men gazab hai..bahut acchi kavita..
bahut acche lekhan aur soch ke liye badhai…
kavi deepak gupta
http://www.kavideepakgupta.com
अछ्छी सोच और लेखन के लिये बधाई …
कवि दीपक गुप्ता
http://www.kavideepakgupta.com