गोवा के एक बीच पर इत्मीनान से कुछ सुस्ताती सी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का फोटो जिस […]
  4 जनवरी को तकरीबन सारा दिन कई न्यूज चैनल यही बताते-समझाते रहे कि आंशिक सूर्य […]
मेरे सपने अपनी जमीन ढूंढ ही लेते हैं बारिश की नमी सूखे की तपी रेतीले मन […]
तलाश सब जगह की लेकिन तुम मठ में मिले नदी की धार में गुफा की ओट […]
  चलो एक कोशिश फिर से करें घरौंदे को सजाने की मैं फिर से चोंच में […]
कितना अच्छा होता है भूल जाना वो रातें जब भरपेट खाना नहीं मिला था सुबहें जो […]
  सूरज के गोले बनाकर चांदी के फंदे डाल दिए रात भर में बना डाला ऐसा […]
  जाते हुए साल से एक पठार मांग लिया है उधार में पठार होंगें तो प्रार्थनाएं […]
  एक अकेला भारत ही संवेदनशील है, भावनाओं के समुंद्र में बहता है और वह उफान […]
जो दिखता है वो होता नहीं जो होता है, वो होता है और कहीं परियों की […]