23 फरवरी, 2019
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला, इंदौर
इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में 23 फरवरी 2019 को पत्रकारिता जगत की मशहूर हस्ती व लोकप्रिय लेखिका वर्तिका नंदा ने छात्रों से संवाद किया।
हम समाज में अपने स्तर पर भी बदलाव करने में सक्षम होते है, बस हमे अपनी संतोष की सीमाओं को बढ़ाने की जरूरत हैं। आज समाज में अव्यवस्था के छोटे – छोटे गड्ढे नज़र आते है,जिन्हें भरने के लिए हमे अपने स्तर पर प्रयास करते रहना चाहिए। ये विचार स्त्री सम्मान पुरुस्कार प्राप्त जेलों और कैदियों पर लेखन के लिए सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. वर्तिका नंदा ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में विद्यार्थियों से रू-ब- रू होते हुए रखे। लम्बे समय से भारत की जेलों और कैदियों के बीच अपना समय बिताने वाली डॉ.वर्तिका नंदा कैदियों की जीवनशैली पर बताती है कि वो भी हमारे समाज का ही एक हिस्सा है,जिसे हमें साथ लेकर चलना चाहिए, न कि उन्हें गुनहगार की नज़र से देखना चाहिए। समाज को भी इन कैदियों के प्रति संवेदनशील होना होगा तभी यह लोग समाज की मुख्य धारा में जुड़ पायेंगे। पत्रकारिता विषय में अपने अनुभव के आधार पर आपने बताया कि मीडिया में कई विषयों को अलग अंदाज से दिखाया जाता है। इसलिए यह हमारे स्वविवेक पर निर्भर करता है कि हम उसे कितना आत्मसात करते है। साथ ही अपनी नई पुस्तक “तिनका-तिनका मध्यप्रदेश” पर भी आपने चर्चा की। डॉ.नंदा ने इससे पहले “तिनका-तिनका तिहाड़ और तिनका-तिनका डासना” यह दोनों ही पुस्तकें जेलों और कैदियों पर लिखी हैं।
इंदौर के बारे में बात करते हुए बताया कि जहां इंदौर ने स्वछता में अपने शीर्ष स्थान को हासिल किया है तो वही रोड सेफ्टी के बारे में कहे तो इंदौर के युवाओ में गाड़ी चलाते वक़्त हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट लगाने जैसी कोई आदते कम दिखाई पड़ती है जोकि सड़क दुर्घटना के मद्देनजर खतरनाक साबित होती है। पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य करते हुए मन की कामना थी की इंदौर के पत्रकारिता संस्थान और पत्रकारिता के विद्यार्थियों से रू-ब-रू हो सकी जो कि आज पूरी हुई है। इसके बाद विद्यार्थियों के उलझे-सुलझे प्रश्नों का बखूबी जवाब देते हुए मीडिया की महत्वता और उपयोगिता को समझाया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती पूजन व कुलगीत से हुई। संस्था के मनीष काले व राहुल महाशब्दे ने डॉ. वर्तिका नंदा का स्वागत किया। कार्यक्रम में राकेश यादव,कामना लाड़, रोहन गिरि एवं अन्य श्रोता उपस्थित रहे।संचालन तेजस्वी मेहता ने किया। पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नारगुंदे द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट करके आभार व्यक्त किया गया।
कुलदीप पवार
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