रंग की मानिंद घुलते
रेत की मानिंद फैलते
पेड़ की मानिंद झूमते
और इंसान की मानिंद भटकते रहने में
असीम सुख है
बशर्ते भटकन
किसी छोर से मिलन कराती हो।

Tags:

2 Responses

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *