संतरी बाक्स से झांकते संतरी नेपांच साल में देख लिया है पूरा जीवनसत्ता में आने के […]
फिजा या चांद से कोई रिश्तेदारी नहीं है और न ही किसी किस्म का कोई व्यापारिक […]
वाकई यह नए साल में आई एक शुभ सूचना है। गैर सरकारी संगठन प्रथम ने हाल […]
ऐसा कई बार होता है कि जो असल में खबर होती है, वह खबर नहीं बनती […]
किसान भाइयों को राम राम। 26 जनवरी, 1966 को इस संबोधन के साथ जिस प्रयोग की […]
(1) बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखाऔर फिर देखीं अपनीपांव की बिवाइयांफटी जुराब […]
आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो और यूपी पुलिस के आंकड़ों ने इस […]
मुमकिन है बहुत कुछआसमान से चिपके तारे अपने गिरेबां में सजा लेनाशब्दों की तिजोरी को लबालब […]
बचपन में कविता लिखीतो ऐसा उल्लास छलकाकि कागजों के बाहर आ गया। यौवन की कविताबिना शब्दों […]
बात में दहशतबे-बात में भी दहशतकुछ हो शहर मेंतो भीकुछ न हो तो भी चैन न […]