ज़ुबां बंद है पलकें भीगीं सच मुट्ठी में पढ़ा आसमान नेमैं अपने पंख खुद बनूंगी हां, मैं […]
सौभाग्यवती भव ! इबादत के लिए हाथ उठाए सर पर ताना दुपट्टा भी पर हाथ आधे […]
स्त्री की सत्ता को लेकर अरसे से कविताऍं लिखी जा रही हैं। वर्तिका नंदा ने स्त्री […]
रानियां सपने नहीं देखतींउनकी आंखों में सपने तैरते ही नहीं वे अधमुंदी भारी पलकों से रियासतेंदेखती […]
आभार। आप सभी का। पटना का। जो प्यार आपने थी हूं रहूंगी को दिया, वह लंबे […]
आभार। आप सभी का। पटना का। जो प्यार आपने थी हूं रहूंगी को दिया, वह लंबे […]
महिला अपराध पर देश का पहला कविता संग्रह – थी. हूं..रहूंगी. विमोचन 24 मार्च को पटना पुस्तक […]
महिला अपराध पर देश का पहला कविता संग्रहसमर्पण अपराध से छिलतीफिर भीउम्मीद की लालटेन थामेहर औरत […]