कोशिश सिर्फ इतनी थीलिफाफे में बंद कर खत भेजूंचंद लफ्ज़ होंचंद कतरे छिटकती जिंदगी के। बहुत […]
चुनाव से पहले गुहार लगी है‘सही’ आदमी को ही वोट दोवो अपराधी न हो, यह गौर […]
(1) बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखाऔर फिर देखीं अपनीपांव की बिवाइयांफटी जुराब […]
बचपन में कविता लिखीतो ऐसा उल्लास छलकाकि कागजों के बाहर आ गया। यौवन की कविताबिना शब्दों […]
नौकरानी और मालकिनदोनों छिपाती हैं एक-दूसरे सेअपनी चोटों के निशानऔर दोनों ही लेती हैंएक-दूसरे की सुध […]