चलो एक कोशिश फिर से करें घरौंदे को सजाने की मैं फिर से चोंच में […]
कितना अच्छा होता है भूल जाना वो रातें जब भरपेट खाना नहीं मिला था सुबहें जो […]
  सूरज के गोले बनाकर चांदी के फंदे डाल दिए रात भर में बना डाला ऐसा […]
  जाते हुए साल से एक पठार मांग लिया है उधार में पठार होंगें तो प्रार्थनाएं […]
  एक अकेला भारत ही संवेदनशील है, भावनाओं के समुंद्र में बहता है और वह उफान […]
जो दिखता है वो होता नहीं जो होता है, वो होता है और कहीं परियों की […]
  दिल्ली से गोवा की फ्लाइट के चलने में अभी कुछ समय बाकी है। तभी एक […]
  10 दिनों तक कवरेज कामनवेल्थ गेम्स के आस-पास घूमती रही। एतराज इस पर नहीं है। […]
  कविता का ये दरवाजा नितांत निजी तरफ जाता है मत आओ यहां बाहर इनकी हवा […]
  हवा रोज जैसी ही थी लेकिन उस रोज हुआ कुछ यूं कि हथेली फैला दी […]