1. लॉक डाउन शुरु होते ही घर में एक डायरी बनाई और उसमें कामों की लिस्ट। फिर कुछ नियम बनाए और बात आगे बढ़ने लगी। शाम का कुछ समय सोशल मीडिया के लिए रखा ताकि बदलती जिंदगी की लय की बात सुन सकूं।
पंजाब याद आता गया। आतंकवाद के उस दौर में पंजाब में किसी भी समय कर्फ्यू लगा दिया जाता था। तब सब थम जाता था। तब भी जान के जाने का खतरा था, आज भी। लेकिन दोनों खतरे बहुत अलग तरह के थे। बचपन से अब तक पंजाब के उस सच को लिखने की तमन्ना कई बार हुई है। कभी पूरी होगी।
वर्तिका नन्दा
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