जेल में तमाम बंदी ऐसे हैं, जिनमें कई हुनर हैं. वह अपने हुनर को आगे लाने के साथ-साथ दूसरों को भी यह काम करने के लिए प्रेरित करते हैं.
मानवाधिकार दिवस पर तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड लखनऊ की जिला जेल में प्रदान किए गए. तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स जेलों में बंद हुनरमंद बंदियों और विशेष काम कर रहे जेल अधिकारियों को दिया जाता है. इस तरह पेंटिंग की श्रेणी में 13 बंदियों को पुरस्कार दिया गया, आठ बंदियों को जेल में विशेष काम करने और विशेष जेल सेवा के लिए 8 जेलकर्मियों को सम्मानित किया गया. भारत की जानी-मानी जेल सुधारक वर्तिका नन्दा की ओस से अवॉर्ड्स दिए जाते हैं. यह लगातार पांचवा साल है, जब बंदियों को यह पुरस्कार दिया गा है.
इस साल तीन श्रेणियां रहीं- पेंटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार . छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल से अजय को इस साल पेंटिंग में प्रथम पुरस्कार दिया गया है. दूसरा पुरस्कार भोपाल केंद्रीय जेल के संजय फूल सिंह को दिया गया है. तीसरा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के दो बंदियों को दिया गया है. 56 वर्षीय निगम पंवार को सहारनपुर जिला जेल से और बरेली से 30 वर्षीय जिला जेल के बंदी दिनेश कुमार को यह पुरस्कार दिया गया है.
पेंटिग में 9 सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए हैं. इस बार छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल, बिलासपुर जेल को 3 पुरस्कार दिए गए हैं. 30 साल के प्रेम सिंह तिहाड़ जेल में बंद हैं. वे पहले फिजियोथेरेपिस्ट थे. उनकी रंग-बिरंगी पेंटिंग यह बताती है कि कैसे रेडियो ने बंदी के अंधेरे और सुनसान भरे जीवन में प्रकाश का काम किया है. 27 वर्षीय भार्गव मनसुख बुटानी गुजरात में सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद हैं.
उत्तर प्रदेश से पूनम शाक्या और अरुण राणा को पुरस्कार दिए गए हैं. पूनम मैनपुरी जिला जेल की बंदी है और अरुण गाजियाबाद जिला जेल में बंदी हैं. मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल में बंद 42 वर्षीय सचिन राय और सेंट्रल जेल, भटिंडा के 34 वर्षीय राजा राम को भी सांत्वना पुरस्कार मिला है। राजा राम तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड 2018 में पेंटिंग की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीते थे।
इस साल तीन श्रेणियां रहीं- पेंटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार . छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल से अजय को इस साल पेंटिंग में प्रथम पुरस्कार दिया गया है. दूसरा पुरस्कार भोपाल केंद्रीय जेल के संजय फूल सिंह को दिया गया है. तीसरा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के दो बंदियों को दिया गया है. 56 वर्षीय निगम पंवार को सहारनपुर जिला जेल से और बरेली से 30 वर्षीय जिला जेल के बंदी दिनेश कुमार को यह पुरस्कार दिया गया है.
पेंटिग में 9 सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए हैं. इस बार छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल, बिलासपुर जेल को 3 पुरस्कार दिए गए हैं. 30 साल के प्रेम सिंह तिहाड़ जेल में बंद हैं. वे पहले फिजियोथेरेपिस्ट थे. उनकी रंग-बिरंगी पेंटिंग यह बताती है कि कैसे रेडियो ने बंदी के अंधेरे और सुनसान भरे जीवन में प्रकाश का काम किया है. 27 वर्षीय भार्गव मनसुख बुटानी गुजरात में सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद हैं.
उत्तर प्रदेश से पूनम शाक्या और अरुण राणा को पुरस्कार दिए गए हैं. पूनम मैनपुरी जिला जेल की बंदी है और अरुण गाजियाबाद जिला जेल में बंदी हैं. मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल में बंद 42 वर्षीय सचिन राय और सेंट्रल जेल, भटिंडा के 34 वर्षीय राजा राम को भी सांत्वना पुरस्कार मिला है। राजा राम तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड 2018 में पेंटिंग की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीते थे।
विशेष प्रतिभा की श्रेणी में 8 बंदियों को पुरस्कार दिए गए हैं. 46 वर्षीय नवीन आहूजा तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता बंदी हैं। जेल में रहते हुए उन्होंने बी.कॉम. की डिग्री और कंप्यूटर में निपुणता हासिल की है। वह साबुन, डिटर्जेंट, हाथ धोने का साबुन व अगरबत्ती समेत अन्य चीज़ों को बनाने में निपुण हैं और वह अन्य बंदियों को इसे बनाने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं। वह बंदियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे कंप्यूटर और होटल प्रबंधन में दाखिला लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं.
25 साल की संध्या उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सजायाफ्ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल भारत को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त कराने को आगे बढ़ाते हुए संध्या जेल में कपड़े के थैले बना रही हैं। वह बंदियों के बच्चों को भी पढ़ाती हैं।
25 साल की संध्या उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सजायाफ्ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल भारत को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त कराने को आगे बढ़ाते हुए संध्या जेल में कपड़े के थैले बना रही हैं। वह बंदियों के बच्चों को भी पढ़ाती हैं।
विशेष प्रतिभा में आगरा जिला जेल के उदय स्वरूप औऱ तुहिना को तिनका तिनका जेल सुधार मॉडल से जेल रेडियो चलाने के लिए सम्मानित किया गया। वे खास तौर पर इस समारोह के लिए बुलाए गए थे। इन दोनों बंदिययों ने तिनका तिनका जेल सुधार के मॉडल पर आगरा जेल में रेडियो स्थापित करने में विशेष भूमिका निभाई है।
फिरोजाबाद जिला जेल में बंद 35 वर्षीय कमलेश अपनी साथी महिला बंदियों को बीमारी और जरूरत के समय में अनुकरणीय सहायता देती हैं। 22 साल की योगेश्वरी भोपाल जेल में सजायाफ्ता हैं। वह एक योग्य मनोवैज्ञानिक हैं और वह महिला बंदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक प्रयास कर रही हैं।
28 वर्षीय चरण सिंह राजस्थान की अलवर सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता हैं। वह CRPF में सब-इंस्पेक्टर हैं उन्होंने जेल कॉलिंग सिस्टम का उपयोग करने के लिए बंदियों की मदद करके जेल प्रणाली की मदद की है। वह जेल रेडियो में जॉकी भी है। 60 वर्षीय, उत्तम शांतराम पोतदार इन-हाउस जेल रेडियो में एक रेडियो जॉकी के रूप में काम कर रहे हैं, जिसे “एफएम लाई भर्री” कहा जाता है जिसमें उन्होंने जेल सुधारों से संबंधित कई कार्यक्रमों की रचना की है।
8 जेल अधिकारियों को इस साल तिनका तिनका अवार्ड दिए गए। बांदा के जेलर रंजीत कुमार सिंह, लखनऊ से संतोष कुमार सिंह, कौशांबी से बी एस मुकुंद, मैनपुरी से ब्रजेश कुमार, नारी बंदी निकेतन लखनऊ से शबनम निगार, महाराष्ट्र से समाकांत चंद्रकांत शडगे, कपूरथला से सुरिंदर पाल खन्ना, अलवर से भरत लाल मीणा को सम्मानित किया गया है। लखनऊ जिला कारागार के सुपरिटेंडेंट पी एन पांडे को विशेष जेल सेवा सम्मान दिया गया।
इस मौके पर जेलों पर वर्तिका नन्दा की किताब तिनका तिनका डासना का भी विमोचन किया गया। पुरस्कार में बांदा जेल में बना विशेष मोमेंटो, जेल में बने कुछ थैले, जेलों पर किताबें और एक सर्टिफिकेट दिया गया है। समारोह में बीपीसीएस और बैंक और बड़ौदा का सहयोग भी रहा।
वर्तिका नन्दा जेल सुधारक हैं और तिनका तिनका भारतीय जेलों पर उनकी श्रृंखला है। वे 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। इस साल निर्णायक मंडल में श्री जावेद अहमद, आईपीएस, महानिदेशक, एनआईसीएफएस, श्री राम फल यादव, आईपीएस, महानिदेशक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका रहे।
28 वर्षीय चरण सिंह राजस्थान की अलवर सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता हैं। वह CRPF में सब-इंस्पेक्टर हैं उन्होंने जेल कॉलिंग सिस्टम का उपयोग करने के लिए बंदियों की मदद करके जेल प्रणाली की मदद की है। वह जेल रेडियो में जॉकी भी है। 60 वर्षीय, उत्तम शांतराम पोतदार इन-हाउस जेल रेडियो में एक रेडियो जॉकी के रूप में काम कर रहे हैं, जिसे “एफएम लाई भर्री” कहा जाता है जिसमें उन्होंने जेल सुधारों से संबंधित कई कार्यक्रमों की रचना की है।
8 जेल अधिकारियों को इस साल तिनका तिनका अवार्ड दिए गए। बांदा के जेलर रंजीत कुमार सिंह, लखनऊ से संतोष कुमार सिंह, कौशांबी से बी एस मुकुंद, मैनपुरी से ब्रजेश कुमार, नारी बंदी निकेतन लखनऊ से शबनम निगार, महाराष्ट्र से समाकांत चंद्रकांत शडगे, कपूरथला से सुरिंदर पाल खन्ना, अलवर से भरत लाल मीणा को सम्मानित किया गया है। लखनऊ जिला कारागार के सुपरिटेंडेंट पी एन पांडे को विशेष जेल सेवा सम्मान दिया गया।
इस मौके पर जेलों पर वर्तिका नन्दा की किताब तिनका तिनका डासना का भी विमोचन किया गया। पुरस्कार में बांदा जेल में बना विशेष मोमेंटो, जेल में बने कुछ थैले, जेलों पर किताबें और एक सर्टिफिकेट दिया गया है। समारोह में बीपीसीएस और बैंक और बड़ौदा का सहयोग भी रहा।
वर्तिका नन्दा जेल सुधारक हैं और तिनका तिनका भारतीय जेलों पर उनकी श्रृंखला है। वे 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। इस साल निर्णायक मंडल में श्री जावेद अहमद, आईपीएस, महानिदेशक, एनआईसीएफएस, श्री राम फल यादव, आईपीएस, महानिदेशक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका रहे।
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