‘तिनका तिनका तिहाड़’ की गूंज विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान में खूब सुनाई दी। अवसर था- नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2014, लेखक मंच, हॉल नं. 18, प्रगति मैदान, नई दिल्ली। 


तिनका तिनका तिहाड़ : 
एक परिचय – तिनका तिनका तिहाड़ विमला मेहरा और वर्तिका नंदा का संपादित काव्य संग्रह है। यह पहली ऐसी किताब है जिसमें तिहाड़ की महिला कैदियों की लिखी कविताओं का संकलन किया गया है। तिहाड़ दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है। इस किताब का विमोचन देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने किया था और यह किताब लगातार चर्चा में है। इसकी शुरुआत एक कविता संग्रह के तौर पर हुई और इसके केंद्र में महिला कैदी रहीं। बाद में इसी शीर्षक से वर्तिका नंदा और विमला मेहरा ने एक गाना भी लिखा जिसे तिहाड़ के कैदियों ने गाया है।


पुस्तक मेला में आयोजित कार्यक्रम में भी कई नए प्रयोग किए गए। शुरुआत में कैदियों के हाथों का बनाया गया कैलेंडर रिलीज किया गया और अरुणिमा कुमार ने एक कविता की अभिनयात्मक प्रस्तुति ‍की। कार्यक्रम के लिए बने लेखक मंच को कैदियों के हाथों बने सामान से इस तरह सजाया गया था कि मंच तिहाड़ का ही हिस्सा लग रहा था। इस अवसर पर कैदियों के बनाए गए कागज और उनके बनाए चित्रों का एक कैलेंडर और बुक-मार्क भी आगंतुकों को उपहार में दिया गया।


जानी-मानी प‍त्रकार और लेखिका वर्तिका नंदा ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की थी। कार्यक्रम का खास आकर्षण विमला मेहरा व वर्तिका नंदा के लिखे गीत ‘तिनका-तिनका तिहाड़’ था। साथ ही संगीत, वीडियो और कैदियों के छायाचि‍त्रों का भी उसमें समायोजन बड़े ही रोचक ढंग से किया गया था। विमला मेहरा व वर्तिका नंदा (संपादक-युगल) ने ‘‍तिनका-तिनका तिहाड़’ पुस्तक की कल्पना और उससे जुड़ी यादों को भी इस कार्यक्रम में साझा किया।

कार्यक्रम एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल के एक सफर जैसा था। मुख्य वक्ता थे- कमर वहीद नकवी।

असल में यह किताब लगातार प्रयोग करती रही है और आने वाले दिनों में वर्तिका और विमला ‘तिनका तिनका तिहाड़’ पर फिर एक नया प्रयोग करने जा रही हैं। कार्यक्रम के कोरियोग्राफर : अरुणिमा कुमार और डिजाइनर : अभिनीत सिंह। पहले आओ आधार पर 100 नि:शुल्क प्रवेश पास भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए साहित्यप्रेमियों को दिए गए। पाठकों ने विशेष रियायती मूल्य पर ‘तिनका तिनका तिहाड़’ की लेखक द्वारा हस्ताक्षरित प्रतियां भी खरीदीं।


Categories:

Tags:

No responses yet

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *